
Son of Sardaar 2 Movie Review
Point Of View – Blavido Movie Review
Son of Sardaar 2 Movie Review: Comedy, Chaos and Over-the-Top Fun
भारतीय मसाला फिल्मों में कॉमेडी और ओवर-द-टॉप किरदारों की परंपरा लंबे समय से रही है। निर्देशक विजय कुमार अरोड़ा की Son of Sardaar 2 इसी परंपरा को आगे बढ़ाती है, जिसमें हंसी, अफरा-तफरी और हल्के-फुल्के पल भरे हुए हैं। यह 2012 की Son of Sardaar का स्टैंडअलोन सीक्वल है, जिसमें जटिल लेकिन मनोरंजक कॉमेडी ट्रैक देखने को मिलता है।
Son of Sardaar 2 Movie Review: Story Summary
कहानी जस्सी (अजय देवगन) से शुरू होती है, जो 13 साल इंतजार करने के बाद आखिरकार स्कॉटलैंड में अपनी पत्नी (नीरू बाजवा) के पास पहुंचता है। लेकिन खुशी ज्यादा देर नहीं टिकती, क्योंकि उसकी पत्नी तलाक मांग लेती है। एक दिन जस्सी की मुलाकात राबिया (मृणाल ठाकुर) से होती है, जो शादी डांस ट्रूप चलाती है और जिसे उसके पति (चंकी पांडे) ने धोखा दिया है।
राबिया के घर में किराएदार बनकर जस्सी की जिंदगी में कई नए किरदार आते हैं — गुल (दीपक डोबरियाल), मेहविश (कुब्रा सैत), और सौतेली बेटी सबा (रोशनी वालिया)। हालात ऐसे बनते हैं कि जस्सी को राबिया का पति और एक वीर योद्धा कर्नल बनने का नाटक करना पड़ता है, ताकि सबा की शादी पक्की हो सके। मुश्किल ये है कि दूल्हे का पिता राजा (रवि किशन) न तो डांसर्स को पसंद करता है और न ही पाकिस्तानियों को — और राबिया के दोस्त पाकिस्तानी हैं।
Son of Sardaar 2 Movie Review: Strengths and Weaknesses of the Film
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इसका हल्का-फुल्का अंदाज और डायलॉगबाजी है। जस्सी का डबल रोल-प्ले — एक तरफ वीर योद्धा, दूसरी तरफ पति का नाटक — अफरा-तफरी को दोगुना कर देता है। इंडिया-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता पर जोक्स, टोनी और टीटू के कॉमिक प्रयास, और जस्सी का ‘बॉर्डर’ फिल्म का सीन रीक्रिएट करना, पहले हाफ में काफी हंसी लाते हैं।
हालांकि, दूसरे हाफ में फिल्म में किरदार और ट्रैक इतने बढ़ जाते हैं कि कहानी उलझने लगती है। कुछ कॉमेडी सीन बेअसर हैं, जैसे राजा की बूढ़ी रूसी सौतेली मां का पोल डांस। कई गाने कहानी की रफ्तार धीमी कर देते हैं।
Son of Sardaar 2 Movie Review: Performances
अजय देवगन एक प्यारे और सीधेसादे सरदार के रूप में दमदार हैं, खासकर हास्य और इमोशनल सीन में। मृणाल ठाकुर एक मजबूत और निडर राबिया के रूप में प्रभावित करती हैं। रवि किशन बिजनेसमैन-से-गैंगस्टर बने किरदार में जान डालते हैं, जबकि मुकुल देव और विन्दु दारा सिंह की जोड़ी कॉमेडी में कमाल कर जाती है। दीपक डोबरियाल ने ट्रांसजेंडर महिला का किरदार शानदार तरीके से निभाया है।
संजय मिश्रा का रोल छोटा और कमज़ोर लिखा गया है, जिससे उनकी प्रतिभा का सही उपयोग नहीं हो पाया।
Son of Sardaar 2 Movie Review: Technical Aspects
फिल्म का प्रोडक्शन वैल्यू अच्छा है, लोकेशंस स्कॉटलैंड और पंजाब दोनों की खूबसूरती दिखाते हैं। कैमरा वर्क रंगीन और एनर्जी से भरपूर है। बैकग्राउंड म्यूजिक कॉमेडी टाइमिंग को सपोर्ट करता है, लेकिन कुछ गाने अनावश्यक लगते हैं।
स्क्रीनप्ले हल्का और हास्य प्रधान है, लेकिन एडिटिंग थोड़ी कसी हुई होती तो फिल्म ज्यादा प्रभावशाली बन सकती थी।
Son of Sardaar 2 Movie Review: Themes and Entertainment Value
फिल्म पूरी तरह से मनोरंजन पर फोकस करती है — इसमें कोई गहरा संदेश नहीं है, लेकिन कॉमिक अफरा-तफरी और बड़े पैमाने पर हास्य के चाहने वालों के लिए यह सही डोज़ देती है। इंडिया-पाकिस्तान तंज, पारिवारिक ड्रामा, और ओवर-द-टॉप एक्टिंग इसको पूरी तरह से मसाला एंटरटेनर बनाते हैं।
Son of Sardaar 2 Movie Review: Flaws and Gaps
- किरदारों और सबप्लॉट की अधिकता कहानी को भारी बना देती है।
- कुछ जोक्स बेअसर हैं और लम्बे गाने कहानी को खींचते हैं।
- क्लाइमैक्स पूर्वानुमानित और जरूरत से ज्यादा नाटकीय है।
Son of Sardaar 2 Movie Review: Final Verdict
Son of Sardaar 2 एक ओवर-द-टॉप, मसालेदार, और हल्की-फुल्की कॉमेडी है। यह आपको गहरे सोचने पर मजबूर नहीं करेगी, लेकिन हंसी और एंटरटेनमेंट का डोज़ जरूर देगी। अजय देवगन और सपोर्टिंग कास्ट की परफॉर्मेंस इसे देखने लायक बनाती है, खासकर अगर आपको चटपटी और बिंदास कॉमेडी पसंद है।